ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥ हनुमान गायत्री मंत्र का अर्थ और महत्व श्री रामचन्द्र वीर हनुमान शरण में तेरी नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते । मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्। हनुमानजी बंदर या वानर थे या कुछ और, क्या आज भी मिलते https://bamboo-directory.com/listings723785/hanuman-chalisa-things-to-know-before-you-buy